मन से ....
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आँखों की नमी ने
हरफ़ कुछ लिख डाले
मनस्वी ..
मन की आँखों से
आ ....
ज़रा देख तो ले ...
सकूं पा सकूँ तो
सुखा दूँ ...
इस नमी को भी
मनस्वी .... .
तू आ के
ज़रा समेट तो ले ...
गुम गया वज़ूद .
छायाचित्र से हो गए
मनस्वी ..
आ ज़रा ..
इसे रूबरू होने तो दे ..
स्वरचित ।सर्वाधिकार सुरक्षित है ।
मीनाक्षी कपूर मीनू (मनस्वी)
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, ज़िन्दगी का हिसाब “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteजी धन्यवाद । 🙂🙏
Deleteधन्यवाद ।🙂
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