Tuesday 9 January 2024

कंक्रीट

 सीधी-सादी बात भी गुम जाती हैं कंक्रीट के शहरों में अब 

मनस्वी... ग़ज़ल क्या समझेंगे यहाँ , पत्थर बने इंसान सब ..              

 

©® मनस्वी