दर्द
है दर्द में डूबा हर शब्द हमारा
अब तो है हमें बस इन्ही का सहारा
रोयेगा जब भी ये दिल हमारा
उतारेंगे कागज़ पर हम दर्द सारा
गरजते है बादल तो बरसती है आँखे
चुभते है दिल में फिर यादों के काँटे
समय की धारा तो बहती रहेगी
कुछ न कुछ हमसे वो कहती रहेगी
मगर दर्द दिल का तो बढ़ता ही जायेगा
कागज़ को यूं ही वो रंगता ही जायेगा
फिर एक दिन *मनस्वी*ऐसा भी आएगा
जब दर्द ये हमें इस जहाँ से ले जाएगा
उस दिन का है हमें अब इतना इंतज़ार
कि,, ख्याल एक यही अब आता है बार बार
ऐ खुदा ! हमारी वफ़ा का कुछ सिला दे
इस दर्द से हमें अब तू मुक्ति दिला दे ,,,
टिप्पणी ~~ एक नारी की व्यथा गाथा जिससे उसकी व्यथित मनोदशा का पता चलता है कि कोई इंसान नहीं है जो उसको समझ सके सिवाय उसकी डायरी के जो उसके दर्द की हमनवाज़ है।
मीनाक्षी कपूर मीनू (मनस्वी)
है दर्द में डूबा हर शब्द हमारा
अब तो है हमें बस इन्ही का सहारा
रोयेगा जब भी ये दिल हमारा
उतारेंगे कागज़ पर हम दर्द सारा
गरजते है बादल तो बरसती है आँखे
चुभते है दिल में फिर यादों के काँटे
समय की धारा तो बहती रहेगी
कुछ न कुछ हमसे वो कहती रहेगी
मगर दर्द दिल का तो बढ़ता ही जायेगा
कागज़ को यूं ही वो रंगता ही जायेगा
फिर एक दिन *मनस्वी*ऐसा भी आएगा
जब दर्द ये हमें इस जहाँ से ले जाएगा
उस दिन का है हमें अब इतना इंतज़ार
कि,, ख्याल एक यही अब आता है बार बार
ऐ खुदा ! हमारी वफ़ा का कुछ सिला दे
इस दर्द से हमें अब तू मुक्ति दिला दे ,,,
टिप्पणी ~~ एक नारी की व्यथा गाथा जिससे उसकी व्यथित मनोदशा का पता चलता है कि कोई इंसान नहीं है जो उसको समझ सके सिवाय उसकी डायरी के जो उसके दर्द की हमनवाज़ है।
मीनाक्षी कपूर मीनू (मनस्वी)
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